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स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने गढ़े कई कीर्तिमान

Feb 17, 2018

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने अपनी स्थापना के 12 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। एक दशक से भी अधिक इस दौर में महाविद्यालय ने अपनी जगह बना ली है और कई कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं। जारी सत्र में महाविद्यालय ने तीन राष्ट्रीय संगोष्ठी, एक राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। छात्र शशांक चन्द्राकर का चयन रणजीत सिंह ट्रॉफी के लिए हुआ। प्लेसमेंट कैम्प में 80 विद्यार्थियों को डिग्री से पहले नौकरी मिल गई।भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने अपनी स्थापना के 12 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। एक दशक से भी अधिक इस दौर में महाविद्यालय ने अपनी जगह बना ली है और कई कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं। जारी सत्र में महाविद्यालय ने तीन राष्ट्रीय संगोष्ठी, एक राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। छात्र शशांक चन्द्राकर का चयन रणजीत सिंह ट्रॉफी के लिए हुआ। प्लेसमेंट कैम्प में 80 विद्यार्थियों को डिग्री से पहले नौकरी मिल गई।swaroopanand-college-bhilai भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने अपनी स्थापना के 12 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। एक दशक से भी अधिक इस दौर में महाविद्यालय ने अपनी जगह बना ली है और कई कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं। जारी सत्र में महाविद्यालय ने तीन राष्ट्रीय संगोष्ठी, एक राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। छात्र शशांक चन्द्राकर का चयन रणजीत सिंह ट्रॉफी के लिए हुआ। प्लेसमेंट कैम्प में 80 विद्यार्थियों को डिग्री से पहले नौकरी मिल गई।उक्त जानकारी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने वार्षिक उत्सव ‘उमंग-2018’ के दौरन प्रस्तुत प्रतिवेदन में दी। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में आयोजित कैम्पस प्लेसमेंट ड्राइव में 80 विद्यार्थियों का चयन आकर्षक पैकेज में आईसीआईसीआई बैंक, मोतिक इंडिया लिमिटेड, आमेजन इंडिया, कैपिटल हाईट, ग्लोबस साफ्ट आदि कंपनियों में हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने श्रीगंगाजली एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन आईपी मिश्रा के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्री मिश्रा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रयास कर रहे हैं और कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि वार्षिकोत्सव महाविद्यालय की गतिविधियों एवं उपलब्धियों का आईना होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई प्रतिभा होती है। वार्षिकोत्सव इसे प्रस्तुत करने और निखारने का अवसर देता है।
उन्होंने कहा, लोग कहते हैं रोजगार नहीं है वास्तविकता यह है हम जो चाहते हंै वह रोजगार हमें नहीं मिल पाता। हमें स्वयं को रोजगार के योग्य बनाना होगा। चुनौतियॉं समय सापेक्ष होती हैं। पहले साधन की चुनौतियां थीं, अब साधन और साध्य में अंतर करने की चुनौती है। हम साधन को ही साध्य मान बैठते हैं। नागपुर जाना है तो समय पर पहुंचना जरूरी है। हम कैसे और किस श्रेणी में यात्रा कर रहे हैं, यह महत्वपूर्ण नहीं है। राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता की सराहना करते हुये उन्होंने कहा, हमारी लिखने की क्षमता कम होती जा रही है। कम्प्यूटर याददाश्त को कम कर रहा है। फोन नं. तक याद नहीं रहता यही स्थिति रही तो भविष्य में डाक्टर रोज एक पेज लिखने की सलाह देंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये श्री आई.पी. मिश्रा ने शंकराचार्य व स्वामी श्री स्वरुपांनद सरस्वती महाविद्यालय को स्थापना के लिये अनुदान राशि प्रदान करने पर केबिनेट मंत्री श्री पाण्डेय का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह उच्च शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है। श्री पाण्डेय के प्रयासों से ही दुर्ग में आई.आई.टी एवं दुर्ग विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। श्री मिश्रा ने बताया 37 विद्यार्थियों से यह महाविद्यालय प्रारंभ हुआ था आज 2200 हैं। यह श्री गंगाजली शिक्षण समितिकी कटिबद्धता का प्रमाण हैं।
विशिष्ट अतिथि के रुप में श्री गंगाजली शिक्षण समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती जया अभिषेक मिश्रा उपस्थित हुई। मौसमी डहारे छात्रसंघ उपाध्यक्ष ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर महाविद्यालयीन त्रैमासिक पत्रिका ‘प्रतिध्वनिÓ का विमोचन किया गया।
मुख्य अतिथि ने प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान करने के साथ ही खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्षन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। पुरस्कृत छात्र छात्राओं के नाम इस प्रकार हैं –
श्री अभिषेक मिश्रा स्मृति स्वर्ण पदक
1. कल्पना देशमुख – एम.एस.सी.-चतुर्थ सेमेस्टर
प्रीमियर स्कोरर:- श्री प्रशांत शुक्ला स्मृति स्वर्ण पदक
1. सुष्मिता जोशी – बी.सी.ए.-तृतीय वर्ष
सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी:- श्री प्रशांत शुक्ला स्मृति स्वर्ण पदक
1. भविष्या तलरेजा – बी.एस.सी.-तृतीय वर्ष
हिन्दी में सर्वोच्च अंक प्राप्तकर्ता:- श्री सुरेन्द्रनाथ सिरमोर स्मृति स्वर्ण पदक
1. पूनम सिंह – बी.एस.सी.-द्वितीय वर्ष
हिन्दी प्रतियोगिता:- श्री सुरेन्द्रनाथ सिरमोर स्मृति स्वर्ण पदक
1. विद्या देवी – बी.एस.सी.-तृतीय वर्श ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी, खेलकूद प्रतियोगिता
1. शशांक चन्द्राकर – बी.बी.ए.-प्रथम सेमेस्टर – छत्तीसगढ़ की क्रिकेट में चयनित/रणजी वनडे टी-20
2. दिनेष मिश्रा – बी.सी.ए.- प्रथम- बास्केट बॉल
3. रुद्रांष पाण्डेय – बी.सी.ए.- प्रथम – बास्केट बॉल
4. अनिल कुमार – बी.सी.ए.- प्रथम – वेट लिफ्टिंग
5. भास्कर भांगे – बी.सी.ए.- प्रथम – बॉल बैडमिंटन
6. रविकांत साहू – बी.एस.सी.-द्वितीय – बॉल बैडमिंटन
7. रोषनी – बी.एस.सी.- प्रथम – बॉल बैडमिंटन
8. कृतिका जोषी – बी.बी.ए.-द्वितीय सेमेस्टर – साफ्टबॉल
9. दीपाली चन्द्रवंषी – बी.कॉम.- प्रथम – नेटबॉल
10. अर्चना चन्द्रवंषी – बी.कॉम.- प्रथम – नेटबॉल
लाइब्रेरी का सर्वश्रेश्ठ उपयोग करने हेतु
1. डॉ. सुनीता वर्मा, विभागाध्यक्ष, हिन्दी
2. पायल साहू – बी.एस.सी.-प्रथम वर्श
विद्यार्थी संघ
1. अक्षदीप – अध्यक्ष
2. मौसमी – उपाध्यक्ष
3. अमृता दास – सचिव
4. प्रियंका भगत -सह-सचिव
राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता
प्रथम – उन्नति तिवारी – दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगांव
द्वितीय – पूजा सिंह – स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, भिलाई
तृतीय – खुशबू मिश्रा – महिला महाविद्यालय, भिलाई
विद्यार्थी आईकॉन
1. अविनाश देशमुख – एम.एस.सी.- चतुर्थ
अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान प्रतियोगिता
प्रथम – सुमन साहू – एम.एस.सी.- प्रथम सेमेस्टर – कम्प्यूटर साईंस
द्वितीय – विद्या देवी – एम.एस.सी.- चतुर्थ सेमेस्टर – गणित
इस अवसर पर सांस्कृति कार्यक्रमों की शुरुआत राशि शर्मा की गणेश स्तुति से हुई। शेफाली ने आजा सनम मधुर चांदनी में हम गा लोगों का मन मोहलिया। तनुश्री एवं समूह ने राजस्थानी लोकनृत्य केसरिया बालम आवो नी पर नृत्य प्रस्तुत किया। अंजली कानस्कर ने लावणी नृत्य प्रस्तुत किया वहीं कृष्णा ने मेरा दिल इल्लाही सूफॉफी गीत गा लोगों को झूमने के लिये मजबूर कर दिया। विद्या देवी समूह ने पनघट पे कन्हैया जो गोपी से मिले पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्षकों का मन मोह लिया वहीं राजीव रंजन ने मिमिक्री कर दर्षकों को लोट-पोट कर दिया। मन वाला लागे लागे रे सांवरे, अंखियॉं मिलाये, कभी अंखियां चुराये, अंबर सरिया आदि फ्यूजन नृत्यों ने दर्षकों को थिरकने के लिये मजबूर कर दिया तो मनवा लागे लागे रे सांवरे ने समा बांधा वहीं तेलगु भरत वंदम् समूह नृत्य प्रस्तुत कर दिव्यलता समूह ने वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम की श्रृंखला षाम तक चलती रही व महाविद्यालय प्रांगण तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजता रहा।
कार्यक्रम में मंच संचालन श्रीमती नीलम गांधी विभागाध्यक्ष वाणिज्य व बी.बी.ए. के छात्र बेनजीर राठौर व फरहीन ने किया।

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