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शहीद सैनिकों के परिवारों को अवसाद के दायरे से बाहर निकालेगी ‘स्वयंसिद्धा’

Mar 1, 2019

Swayamsiddhaभिलाई। विवाहित महिलाओं की संस्था ‘स्वयंसिद्धा’ ने सैनिक परिवारों के अवसाद को दूर करने का निश्चय किया है। ‘स्वयंसिद्धा’ की संयोजक डॉ सोनाली चक्रवर्ती ने गुरुवार को जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में आयोजित समारोह में इसकी घोषणा की। वे रावत परिवार द्वारा सैनिक कल्याण हेतु एक लाख रुपए का चेक प्रदान किए जाने के अवसर पर अपनी बात रख रही थीं। डॉ सोनाली चक्रवर्ती ने कहा कि एक सैनिक अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे देता है। यह उनके परिवार के लिए अपूरणीय क्षति होती है। वह किसी का बेटा, किसी का पति, किसी का भाई तो किसी का पिता भी होता है। स्वयंसिद्धा ऐसी महिलाओं को साथ लेकर चलना चाहती है जिन्होंने अपने पति, बेटे या भाई को खोया है। स्वयंसिद्धा इन महिलाओं में नए सिरे से जीवन को जीने का जोश भरना चाहती है।
जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के प्रमुख अवकाश प्राप्त कमांडर आरके सोनी ने कहा कि समय समय पर लोग सैनिकों की शहादत को याद करते हैं। ताजा घटनाओं पर पूरा देश उद्वेलित हो जाता है पर समय के साथ इन घटनाओं को भुला दिया जाता है। रावत परिवार द्वारा प्रदत्त सहयोग राशि एवं स्वयंसिद्धा के संकल्प का वे सम्मान और स्वागत करते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्वयंसिद्धा से जुड़कर इन परिवारों में नई उमंग का संचार होगा। इससे सिविल सोसायटी को सैनिक परिवारों को समझने में भी मदद मिलेगी।
बीएसपी से सेवानिवृत्त प्रख्यात चित्रकार हरि सेन ने इस अवसर पर सैनिक कल्याण कार्यालय को एक बड़ी पेंटिंग भेंट करने की सहमति दी। इस अवसर पर प्रीति अजय बेहेरा, जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के अधिकारी रामाधार टेम्भेकर, राजेश तिवारी, केशव राव, एसके गाईन, भोजराज चंदेल भी उपस्थित थे।

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