• Sat. Apr 27th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

‘संविद-19’ : बीआईटी के नुक्कड़ नाटकों में उठाए गए ज्वलंत मुद्दे

Mar 3, 2019

SAMVID-19भिलाई। श्रीशंकराचार्य तकनीकी कैम्पस में आयोजित ‘संविद-19’ में बीआईटी के छात्रों ने भी बढ़चढ़ कर सहभागिता दी। बीआईटी के नुक्कड़ नाटक दलों ने न केवल बेहतरीन प्रदर्शन किया बल्कि अनेक ज्वलंत मुद्दों की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए प्रथम एवं द्वितीय स्थानोें पर कब्जा भी जमा लिया। छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सफल अभिनेता एवं वरिष्ठ मिमिक्री आर्टिस्ट प्रदीप शर्मा के साथ वरिष्ठ पत्रकार दीपक रंजन दास निर्णायक के रूप में मौजूद थे। ‘बोल रेड’ और ‘बोल ब्लैक’ नाम के दलों में बंटे इन बच्चों ने मॉब लिंचिंग, भीड़ का फैसला, सेक्स एजुकेशन के नाम पर समाज के ठेकेदारों की चुप्पी, जैसी अनेक सामाजिक चुनौतियों को चुटीले संवादों के साथ पुरकशिश अंदाज में पेश किया। उन्होंने बताने की कोशिश की कि किस तरह भीड़ जो समझती है उसे ही सच मानकर सच्चाई का गला घोंट देती है। Samvid-Nukkad-01 Samvid-Nukkad-02 Samvid-Nukkad-03 Samvid-Nukkad-04 Samvid-Nukkad-06 Nukkar Natak BIT Durgइस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी एवं ईवेन्ट के जज प्रदीप शर्मा ने नाट्य कला की विभिन्न बारीकियों का जिक्र करते हुए अपने कमजोर पक्षों को दुरुस्त करने के टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि एक ही संवाद को विभिन्न रसों में अभिव्यक्ति देकर आप अपनी कमजोरियों का पता लगा सकते हैं और उसपर काम कर उसमें सुधार कर सकते हैं। वरिष्ठ पत्रकार एवं ईवेन्ट जज दीपक रंजन दास ने कहा कि युवाओं ने फिल्म मेकिंग और नुक्कड़ नाटकों से यह दर्शा दिया है कि उनमें प्रतिभा और कुछ कर गुजरने की इच्छा में कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह न केवल टीम बिल्डिंग एक्सरसाइज है बल्कि टाइम मैनेजमेंट, दूसरों को स्पेस देना, अपने लिए स्पेस बनाना और अपनी बात को प्रभावी ढंग से रखने की लाइव ट्रेनिंग वर्कशॉप है जिसका लाभ उन्हें भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने में मिलेगा।
इससे पहले ‘संविद-19’ की लघु फिल्म प्रतियोगिता में 13 लघु फिल्में स्क्रीन की गर्इं। श्री शंकराचार्य तकनीकी कैम्पस के निदेशक डॉ पीबी देशमुख भी इसके साक्षी बने। इन फिल्मों में गलतफहमियों को लेकर युवाओं के बीच के बेतुके झगड़े, सोशल मीडिया के दुरुपयोग से तबाह होती युवा जिन्दगियां, हताशा और क्षोभ के कारण होने वाली आत्महत्याएं, कैम्पस में रैगिंग आदि विषयों को उठाया गया।
युवा फिल्मकारों ने बेहतरीन पटकथा लेखन, निर्देशन और फिल्मांकन तकनीकों का प्रदर्शन किया। युवा कलाकारों की अद्भुत अभिनय कला ने भी प्रभावित किया। इस अवसर पर एंकर के रूप में राफिया जरीन खान एवं डॉ रीता शुक्ला भी मौजूद रहीं।

Leave a Reply