भिलाई। हेयर स्टाइलिंग और स्पा आज करोड़ों रुपए रोजगार का साधन बन चुका है। यदि आप एक शानदार करियर ढूंढ रहे हैं जिसमें ग्लैमर हो, रुतबा हो और पैसा भी हो तो हेयर स्टाइलिंग एंड हेयर केयर आपके लिए एक अच्छा करियर हो सकता है। यह कहना है कि जस एंड सैम का। मुंबई में हेयर स्टाइलिंग और स्पा की दुनिया में प्रतिष्ठित होने के बाद उन्होंने ट्रेनिंग का काम शुरू किया और आज उनके सिखाए बच्चे देश के कोने कोने में सलून और स्पा का संचालन कर अच्छा पैसा कमा रहे हैं।जस एवं सैम ने बताया कि फैशन और ग्लैमर आज छोटे छोटे शहरों में भी सिर चढ़कर बोल रहा है। लोग खूबसूरत दिखना चाहते हैं। इसमें गलत भी कुछ नहीं है। यदि व्यक्ति सजा संवरा रहेगा तो उसका आत्मविश्वास और मनोबल भी ऊंचा रहेगा। उसमें सकारात्मक ऊर्जा होगी और वह कुछ अच्छा करने की कोशिश भी करेगा।
उन्होंने बताया कि हेयर स्टाइलिंग, स्पा और हेयर केयर एक आर्ट भी है और साइंस भी। आपको त्वचा एवं केश के बारे में काफी कुछ जानना और सीखना पड़ता है। तभी आप अपने ग्राहक को पूर्ण संतुष्टि दे सकते हैं। टीवी और फिल्मी कलाकारों की हेयर स्टाइलिंग कर चुके जस एवं सैम ने बताया कि शौक से शुरू किए इस व्यवसाय से आज वे न केवल करोड़ों रुपए कमा रहे हैं बल्कि शो बिजनेस से जुड़े लोगों के बीच उनका अबाध आना जाना भी है।
उन्होंने बताया कि वैसे तो देश भर मेें उनके 26 सेन्टर इस समय चल रहे हैं पर जल्द ही वे और 100 सेन्टर खोलने की योजना बना रहे हैं। भिलाई में लकीज ब्लू हेवन यूनीसेक्स सेलून एवं अकादमी के संचालक लकी, गैलक्सी स्पा एंड सेलून राज सेन उनके द्वारा ही प्रशिक्षित हैं जो अच्छा काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पहले लोग हेयर स्टाइलिंग, स्पा के लिए विदेश जाया करते थे किन्तु अब विदेशी इन सेवाओं के लिए भारत का रुख कर रहे हैं। दुनिया के कई देशों में उनके छात्र हैं और जल्द ही वे ओवरसीज सेन्टर खोलने जा रहे हैं।
स्पा सेन्टर्स के साथ जुड़ी बदनामी पर उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवसाय के लिए प्रत्येक देश का अपना कानून होता है। इन कानूनों का पालन करना अनिवार्य होता है। यदि आपने कानूनों की अनदेखी की तो कानून अपना काम करेगा। कुछ लोग ओछी हरकतें करते हैं और बदनाम पूरा पेशा हो जाता है। लोगों को इसकी हकीकत पता है। उनका स्वयं का मानना है कि यदि आपको तरक्की करनी है, अच्छा काम करना है तो पूरी ईमानदारी से अपने पेशे को आगे ले जाने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहना होगा।
उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि यदि पढ़ने में उनका ज्यादा मन नहीं लगता तो वे इस तरह के पेशों को चुन सकते हैं जिसमें लगभग 100 फीसदी प्रैक्टिकल नॉलेज दी जाती है। त्वचा की समझ, बालों की पहचान, ट्रीटमेंट प्लान, कटिंग, शेपिंग और टेक्सचर की ओर रुझान हो तो सफलता मिलते देर नहीं लगती।
कार्यक्रम में शहर के अनेक हेयर स्टाइलिस्ट एवं बड़ी संख्या में युवा भी शामिल हुए।