भिलाई। वाणिज्य विभाग एवं ट्रेनिंग तथा प्लेसमेंट सेल के संयुक्त तत्वावधान तथा आईआईटी कानपुर की ई सेल के सौजन्य से व्यक्तित्व विकास एवं करियर प्लानिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में किया गया। कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि विद्यार्थीजीवन में यदि छात्र अपने भीतर आत्मविश्वास को जगा लेते हैं और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण कर लेते है तो जीवन में सदैव सफलता की सीढ़ी चढ़ते जाते है। उन्होंने कहा कि यदि छात्र जीवन में ही आप अपनी मंजिल निर्धारित कर लेते है और दृढ़ता के साथ अपने कदम बढ़ाते रहते हैं तो निश्चित ही आप अपनी मंजिल प्राप्त कर लेंगे।
प्रमुख वक्ता मोटिवेशनल स्पीकर व ट्रैनर नियाज कुरैशी ने कहा कि आज छात्रों को अपनी डिग्री के साथ ही आपको अपने व्यक्तित्व का भी सम्पूर्ण विकास करना होगा। ताकि आत्मविश्वास के साथ आप अपने कदम बढ़ाते हुए समाज में एक प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त कर सके। आत्मविश्वास को जागृत करने के लिए हमें खुद पहले खुद को पहचानना होगा जब तक हम स्वयं को स्वयं के सामने साबित नहीं कर लेते तब तक दुनियां के सामने आप अपने काबिलियत को नहीं दिखा पायेंगे।
आरंभ में तालियां बजवाकर उन्होंने छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाया। उन्होंने मुर्गी एवं चील की कहानी के माध्यम से बताया कि यदि चील के बच्चे का पालन पोषण मुर्गी के बच्चे के साथ होगा तो वह भी उड़ना नहीं सीख पाता है। लेकिन जब खुले आकाश में उड़ते पक्षियों को वह देखता है तो वह यह सोचता है कि ‘आई कैन’ मैं कर सकता हूं, तब वह भी उड़ने का प्रयत्न करता है और फिर वह अपनी उड़ान से आकाश को छूने लगता है।
यदि मनुष्य अपने सपनों को मारने के कोशिश करता है तो वह उसी दिन मृत हो जाता है, अत: अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करते रहना चाहिए। आपने जो फैसला लिया है उसे पूरा करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करते हुए आपको आगे बढ़ते जाना है तभी आप अपनी मंजिल पर पहुँच करेंगे।
फैसला लेने से पहले रुकिये सोचिए और फिर आगे बढ़िए खुद पर विश्वास करिये दुनिया की परवाह छोड़कर आप अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते जाइये यदि आप लोगों की आलोचनाओं को सुनेंगे तो आप के कदम धीमे हो सकते है।
उन्होंने बताया कि भारत में तीन दौर है 1 व्यापारियों 2 नौकरशाह 3 उद्योगपति, आज के छात्र अपनी प्रतिभा पर विश्वास करते हुए अपना स्चयं का व्यवसाय या पेशा करना पसंद करते है। भारत में रोजगार की कमी नही है, आवश्यकता है नौकरियों के पीछे भागना छोड़कर अपनी योग्यतानुसार अपना कार्यक्षेत्र का चुनाव करें।
दूसरे दिन प्रथम सत्र में उन्होंने याददाश्त बढ़ाने के, अंको को याद रखने के अनेक तरीके बताये जिससे आप बड़े से बड़े नम्बर को याद रख सके। उन्होंने बताया कि हर रोज कम से कम दो घंटा पढ़ाई करे और पांच सवाल हल करे जिससे हम समय रहते अपना पाठ्यक्रम पूरा कर सके। महान व्यक्तियों की जीवनी पढ़ने से आपको अभिप्रेरणा मिलेगी की किस तरह कठिन रास्तों पर चल कर आप अपनी मंजिल प्राप्त कर सकते है।
कार्यशाला के अंतिम चरण में उन्होनें छात्रों से कई तरह के प्रश्न पूछ कर उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व की जांच की तथा आठ प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को बी.बी.ए. प्रथम सेमेस्टर से प्रज्वल वर्मा, सुयोग यादव, हर्ष जैन एवं रिलेश देवांगन, बी.एस.सी. अंतिम से होमेंद्र साहू एवं मनीष पौल, बी.सी.ए. से विश्वदीप एवं रेशमी महेश्वर शोध छात्रा (वाणिज्य) अगले चरण में आईआईटी कानपुर हेतु चयनित किया।
कार्यक्रम का संचालन स.प्रा. वाणिज्य पूजा सोढ़ा ने किया तथा विभागाध्यक्ष वाणिज्य डॉ. नीलम गांधी, स.प्रा. डॉ. अजीता सजित, स.प्रा. श्री सुनील सिंग, स.प्रा. मंजू कनौजिया स.प्रा. सुकृति चौहान ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।