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शारदा सामर्थ्य ट्रस्ट ने किया एक परिवार के 36 शिक्षकों का सम्मान

Sep 14, 2018

Maa Sharda Samarthya Charitable Trust felicitates the largest family of teachersभिलाई। माँ शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट ने एक ही परिवार के 36 शिक्षकों का सम्मान किया। ट्रस्ट के डॉ संतोष राय ने कहा कि यह केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि शायद पूरे देश में एक रिकार्ड है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षामंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने इस अवसर पर गुरू शिष्य परम्परा की चर्चा की। आयोजन मेें केपीएस समूह के 36 शिक्षकों का सम्मान किया गया। इसमें परिवार की दो पीढ़ियां शामिल हैं। Sharda-Samarthya-Trust Krishna-Public-School Ma Sharda Samarthya Charitable Trust felicitates members of the Krishna Public School Familyइस अवसर पर ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य आनंद सर, फजल फारूकी, रमेश पटेल, जगदीश तुलसवानी, रौनक जमाल, श्रीलेखा विरूलकर, दीपक तुमाने, संजय सिंह, अरविन्द सिंह, स्मिता एनोस, डॉ संतोष राय, विपिन बंसल, मिट्ठू मैडम, क्षितिज सिंघई उपस्थित थे।
केपीएस परिवार के प्रमुख एमएम त्रिपाठी एवं आशुतोष त्रिपाठी ने एक स्वर में कहा कि विद्या दान से बेहतर दान कोई नहीं अगर भाव सिखाने का है। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रमुख रूप से एमएम त्रिपाठी, आनंद कुमार त्रिपाठी, प्रमोद कुमार त्रिपाठी, श्रीमती कुंजलता त्रिपाठी, आलोक त्रिपाठी, श्रीमती सविता त्रिपाठी, आशुतोष त्रिपाठी, श्रीमती प्रियंका त्रिपाठी, राकेश मिश्रा, श्रीमती अर्चना मिश्रा, अभिषेक त्रिपाठी, श्रीमती अपर्णा त्रिपाठी, मयंक शर्मा, श्रीमती इति शर्मा, एचके मिश्रा, अनुभव त्रिपाठी, श्रीमती शिल्पी त्रिपाठी, राजीव त्रिपाठी, श्रीमती अंजू त्रिपाठी, राकेश त्रिपाठी, श्रीमती पुष्पा त्रिपाठी, हरीराम त्रिपाठी, श्रीमती कल्याणी त्रिपाठी, संतोष त्रिपाठी, श्रीमती मीना त्रिपाठी, रवि मिश्रा, श्रीमती उर्मिला मिश्रा, श्रीमती राखी त्रिपाठी, विवेक त्रिपाठी, श्रीमती संयोगिता त्रिपाठी, श्रीमती अनुपमा उपाध्याय, संजीव त्रिपाठी, श्रीमती पूनम त्रिपाठी, निशांत त्रिपाठी, सुमन त्रिपाठी, प्रशांत त्रिपाठी, अंजली जैन, आरती साहू शामिल हैं।
इंसान भाग्य लेकर आता है और कर्म लेकर जाता है
वहीं मिट्ठू मैम ने अपने उद्बोधन में कहा कि अच्छे कार्य करते जाओ उसकी गिनती मत करो। गिनती ऊपर वाले पर छोड़ दो। कौन कहता हैं कि इंसान खाली हाथ आता है, और खाली हाथ जाता हैं। ऐसा नहीं हैं। इंसान भाग्य लेकर आता है और कर्म लेकर जाता है।

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