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श्री शंकराचार्य ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट्स में आईबी हब्स बूट कैंप शिविर का आयोजन

Jul 17, 2019

भिलाई। श्री शंकराचार्य ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट्स में पांच दिवसीय आई. बी. हब्स. द्वारा आई. बी. हब्स. बूट कैंप का आयोजन किया गया जिसमे संस्था के विद्यार्थियों के साथ साथ बी.आई.टी, मणिपाल यूनिवर्सिटी एवं अन्य महाविद्यालय के 40 से अधिक विद्यार्थियों ले भाग लिया। इस शिविर का आयोजन डॉ सिद्धार्थ चौबे प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के निर्देशन में किया गया। यह कार्यशाला मनिकंता गुप्ता प्रोजेक्ट मेनेजर आई बी हब्स हैदरबाद मुख्य प्रशिक्षक एवं ज्ञानेंद्र साहू , इशांक कुमार यादव , अभिषेक सेठ (स्टूडेंट कोआॅडिर्नेटर) के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई।भिलाई। श्री शंकराचार्य ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट्स में पांच दिवसीय आई. बी. हब्स. द्वारा आई. बी. हब्स. बूट कैंप का आयोजन किया गया जिसमे संस्था के विद्यार्थियों के साथ साथ बी.आई.टी, मणिपाल यूनिवर्सिटी एवं अन्य महाविद्यालय के 40 से अधिक विद्यार्थियों ले भाग लिया। इस शिविर का आयोजन डॉ सिद्धार्थ चौबे प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के निर्देशन में किया गया। यह कार्यशाला मनिकंता गुप्ता प्रोजेक्ट मेनेजर आई बी हब्स हैदरबाद मुख्य प्रशिक्षक एवं ज्ञानेंद्र साहू , इशांक कुमार यादव , अभिषेक सेठ (स्टूडेंट कोआॅडिर्नेटर) के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई। भिलाई। श्री शंकराचार्य ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट्स में पांच दिवसीय आई. बी. हब्स. द्वारा आई. बी. हब्स. बूट कैंप का आयोजन किया गया जिसमे संस्था के विद्यार्थियों के साथ साथ बी.आई.टी, मणिपाल यूनिवर्सिटी एवं अन्य महाविद्यालय के 40 से अधिक विद्यार्थियों ले भाग लिया। इस शिविर का आयोजन डॉ सिद्धार्थ चौबे प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के निर्देशन में किया गया। यह कार्यशाला मनिकंता गुप्ता प्रोजेक्ट मेनेजर आई बी हब्स हैदरबाद मुख्य प्रशिक्षक एवं ज्ञानेंद्र साहू , इशांक कुमार यादव , अभिषेक सेठ (स्टूडेंट कोआॅडिर्नेटर) के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई।शिविर के प्रथम तीन दिनों में माइक्रो कंट्रोलर को नियंत्रित करना, कोड करना एवं क्लाउड से डाटा का आदान प्रदान करना, नियंत्रण करने का प्रशिक्षण दिया गया। चौथे दिन लोरावैन के बारे में जानकारी दी गयी जो की एक नयी तकनीक होने से साथ साथ हाई रेंज लो पॉवर कम्युनिकेशन्स माडुल है। शिविर के 5 वे तथा अंतिम दिन में एक दिवसीय मेकथान का आयोजन किया गया जिसमे सभी प्रतिभागियों के समूहों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।
मेकथान के पश्चात संस्था के डायरेक्टर डॉ पी बी देशमुख ने सभी प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण किया एवं उनकी तारीफ कर हौसला बढ़ाया तथा विद्याथिर्यों को उनके प्रोजेक्ट्स को आगे ले जाने एवं स्वयं का स्टार्टअप स्टार्ट करने हेतु सुझाव दिया एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कमना की।
मेकथान में विद्यार्थियों द्वारा बनाये गए कुछ प्रोजेक्ट्स इस प्रकार से है, होम आॅटोमेशन (अमित सिंह एवं समूह), स्मार्ट बास्केट (चैतन्य एवं समूह), इंडोर पोलुसन कंट्रोल (इस प्रक्रिया में डिवाइस एक विशेष क्षेत्र में पर्यावरण में जहरीली गैस को ट्रैक करता है और विषैले स्तर को बेअसर करने के लिए काउंटर प्रभावी उपायों का सुझाव देता है)-(रोकि पंडित एवं समूह), स्मार्ट मोब (इस उपकरण के माध्यम से एक व्यक्ति झाड़ू और पोछे को प्रबंधित कर सकता है और एक विशेष स्थिति से पूरे फर्श को साफ कर सकता है)(रोमा पटेल एवं समूह), लोजिस्टिक ट्रैकिंग (गौरव पंकज एवं समूह), वोमन सेफ्टी डिवाइस (यह डिवाइस पीड़ितों के मोबाइल में अंकित नंबर पे स्वचालित रूप से मोबाइल नंबर डायल करता है और तुरंत अपना गंतव्य स्थान भी भेजता है) (हिमानी चौहान ,शबा खान एवं समूह), एयर पोलुसन ट्रेकिंग (बाहरी विषाक्त वातावरण के ट्रैकिंग के लिए)(अनमोल एवं समूह), गेस्टर कंट्रोल्ड बोट (इस उपकरण के माध्यम से किसी वस्तु को हाथ के इशारे से नियंत्रित और स्थानांतरित किया जा सकता है) (ज्ञानेंद्र साहू एवं समूह), मोबाइल कंट्रोल्ड बोट (एशांक एवं समूह) हैं।
अंत में जज पैनल द्वारा सभी प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण करने के पश्चात होम आॅटोमेशन (अमित सिंह एवं समूह) इस मेकथान के विजेता रहे, उन्होंने घरो में रोजाना होने वाली सामान्य समस्याओं का आई. ओ. टी. के उपयोग से समाधान किया जैसे की पानी की टंकी में पानी खत्म होने पर स्वत: बोरेवेल का चालू हो जाना, सभी घरेलु उपकरणों को अपने मोबाइल के नियंत्रित करना इत्यादि, तथा दुसरे स्थान पर रहे स्मार्ट बास्केट (यह स्टोरों से खरीदे गए उत्पाद की मात्रा की स्वचालित रूप से गणना करता है) (चैतन्य एवं समूह) हमें शौपिंग मालो में बेवजह लम्बी क़तरो से बचने में काफी मदद कर सकते हैं।
श्री आईपी मिश्रा, चेयरमैन, एसजीईएस, श्रीमती जया मिश्रा, अध्यक्ष एसजीईएस ने आयोजन समिति को बधाई दी और विभाग के इस नयी पहल की सराहना की, उन्होंने विद्याथिर्यों को कायर्शाला के महत्व से अवगत कराया। डॉ सिद्धार्थ चौबे प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग ने कहा कि आने वाला समय आई. ओ. टी. का ही है और सभी लोगे आॅटोमेशन की दुनिया में कदम रख रहें है एवं वतर्मान समय में इसकी आई.टी. इंडस्ट्रीज में डिमांड भी बहुत है।

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