भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तात्वावधान में राष्ट्रीय एकता दिवस एवं सतर्कता सप्ताह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों व प्राध्यापकों ने देश की एकता व अखण्डता को बनाये रखने की शपथ ली। कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये एन.एस.एस. प्रभारी दीपक सिंह ने कहा राष्ट्रीय एकता दिवस एवं सतर्कता दिवस का आयोजन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता की शपथ दिलाने के लिये व सावधानी से दुर्घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है के प्रति जागरूक किया जा सके।भारत के जनमन नायक आधुनिक भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आजादी के बाद भारत को एकीकृत करना चुनौतीपूर्ण कार्य था। देश की 550 रियासतों को सरदार पटेल ने एकीकृत कर असाधारण कार्य किया। इस कार्य के कारण महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार की उपाधि दी। भारत रत्न सरदार पटेल की भारत को एकीकृत करने की भूमिका को देश सदा विनम्र भाव से याद करता रहेगा और राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में इस दिन को मनाया जायेगा।
इस अवसर पर प्राचार्य द्वारा शिक्षकों एवं छात्रों को राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता पर शपथ दिलाई गई। इस विषय पर प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि एकता का अर्थ है दूसरों के विचारों का सम्मान करना व वसुदेव कुटुम्बकम की भावना ही एकता का विस्तृत अर्थ है।
दीपिका देवांगन बी.एड.-प्रथम सेमेस्टर ने कहा सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सम्पूर्ण भारतीय रियासतों का एकीकरण कर सम्पूर्ण भारत को एक बनाया हम युवाओं को भी देश की अखण्डता को बनाये रखने की आवश्यकता है। पूजा रंगारी बी.एड. छात्रा ने कहा लौह पुरुष की याद में जन्म तिथि को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा सतर्कता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है इसी तात्वावधान में अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रुप में नवीन कुमार तिवारी (सी.एम.एच.ओ.) के फील्ड सुपर वाईजर उपस्थित हुए। उन्होंने अपने उद्बोधन कहा फटाका फोड़ते समय सावधानी रखे न फूटने पर जाकर न देखे अचानक फूटने से आंखों व कानों को नुकसान पहुंचने का डर है। आंखों में कंकड़ पड़ने पर मसले नहीं अपितु सावधानी से निकालें। दुर्घटना होने पर घायल को पहले अस्पताल पहुंचाने का प्रबंध करें खून अधिक बह रहा है उसे खून रोकने के लिये दुपट्टा या रुमाल बांधे। नदी के पास पिकनिक मनाने जाने पर सावधानी रखें। डूबने वाले व्यक्ति को पीछे से बाल को पकड़ कर खींच कर निकाले यदि नियंत्रित न हो तो डूबते व्यक्ति के नाक में मुक्का मारें। अगर बेहोश हो जाये तो खींचकर निकाले या रस्सी से भी बांध कर खींचा जा सकता है। हृदयाघात होने पर सीने में थोड़ा थोड़ा दबाव डालते रहे इससे व्यक्ति को आराम मिलेगा। श्री तिवारी ने सतर्कता बरतने से हम बहुत सी दुर्घटनाओं से बच सकते है कि जानकारी दी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. स्वाती पाण्डेय स.प्रा. शिक्षा विभाग, स.प्रा. दुर्गावती मिश्रा शिक्षा विभाग ने विशेष योदान दिया। कार्यक्रम के संयोजक दीपक सिंह ने कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।