दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में राज्यपाल की अनुशंसा से सात वरिष्ठ प्राध्यापकों को पृथक-पृथक संकाय का डीन मनोनीत किया गया है। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के सहा. कुलसचिव, अकादमिक डॉ. सुमीत अग्रवाल ने बताया कि आगामी दो वर्षों के लिए यह नियुक्तियां की गई है। जिन संकायों में ये संकायाध्यक्ष (डीन) मनोनीत किये गये हैं उनमें कला, सामाजिक विज्ञान, शिक्षा, विज्ञान, वाणिज्य, गृहविज्ञान तथा जीव विज्ञान संकाय शामिल है। ये सभी डीन विश्वविद्यालय की विद्यापरिषद् तथा पीएचडी, आरडीसी की बैठकों में उपस्थित रहकर शोधार्थियों को उनके शोध कार्य हेतु रचनात्मक सुझाव दे सकेंगे।विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ. सी.एल. देवांगन ने बताया कि 2021 से 2023 तक की अवधि हेतु मनोनीत इन संकायाध्यक्षों में कला संकाय में शास. महाविद्यालय, खेरथा, जिला-बालोद की हिन्दी की प्राध्यापक डॉ सुधा सोनी, सामाजिक विज्ञान संकाय में शास. सी.एल.सी महाविद्यालय, पाटन की समाजशास्त्र की प्राध्यापक, डॉ शोभा श्रीवास्तव, शिक्षा संकाय में भिलाई मैत्री कॉलेज, रिसाली, के शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ डी. लक्ष्मी, विज्ञान संकाय में शास. विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में रसायन शास्त्र की विभागाध्यक्ष, डॉ अनुपमा अस्थाना, वाणिज्य संकाय में शास. स्व. देवी प्रसाद चौबे महाविद्यालय, गंडई के प्राध्यापक, डॉ एन.एस. वर्मा, गृहविज्ञान संकाय में शास. वा.वा. पाटणकर कन्या महाविद्यालय, दुर्ग की डॉ अमिता सहगल तथा जीवविज्ञान संकाय में शास. विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग की वनस्पति शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ रंजना श्रीवास्तव, शामिल है।
विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने उन सभी संकायाध्यक्षों, जिनका कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है, को अपने कार्यकाल में विश्वविद्यालय को रचनात्मक सहयोग प्रदान करने हेतु धन्यवाद देते हुए कहा कि भविष्य में भी दुर्ग विश्वविद्यालय उनसे इसी प्रकार के सकरात्मक सहयोग की अपेक्षा रखता है। विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने समस्त नव मनोनीत संकायाध्यक्षों को बधाई देते हुए कहा कि वे विश्वविद्यालय के अपने-अपने संकायों के पाठ्यक्रम को अद्यतन करने, परीक्षा परिणामों को समय पर घोषित कराने तथा छात्र हित में समय-समय पर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली बैठकों में अपने महत्वपूर्ण एवं रचनात्मक सुझाव देकर विश्वविद्यालय की विकास यात्रा के सहभागी बनें।