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महिला महाविद्यालय में महात्मा गांधी पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन

Oct 18, 2019

भिलाई। भिलाई महिला महाविद्यालय में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उच्च शिक्षा विभाग एवं हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग के संयुक्त निर्देश पर आयोजित इस प्रतियोगिता का विषय ‘गांधी अतीत ही नहीं भविष्य भी है’ था। विद्यार्थियों ने इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने कहा कि गांधी व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचारधारा है। गांधीजी विभिन्न समस्याओं के समाधान कोष हैं। उनके आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए।भिलाई। भिलाई महिला महाविद्यालय में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उच्च शिक्षा विभाग एवं हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग के संयुक्त निर्देश पर आयोजित इस प्रतियोगिता का विषय ‘गांधी अतीत ही नहीं भविष्य भी है’ था। विद्यार्थियों ने इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने कहा कि गांधी व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचारधारा है। गांधीजी विभिन्न समस्याओं के समाधान कोष हैं। उनके आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए। सत्य अहिंसा रूपी अस्त्र से उन्होंने विशाल अंग्रेजी साम्राज्य को झुका कर इनकी उपयोगिता साबित की थी। प्रतिभागियों ने कहा कि गांधीजी राष्ट्र का गौरव थे। 70 से अधिक देशों में गांधीजी के स्मारक हैं। उन्होंने भाईचारा, मानवता, सदाचार का पाठ पढ़ाया। प्रेम और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। गांधीजी को तस्वीरों में नहीं बल्कि उनके आचरण और विचारों को अपनाया जाए। अलबर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि कुछ ही समय बाद इस बात का विश्वास करना कठिन हो जाएगा कि एक ऐसा व्यक्तित्व कभी इस धरती पर हुआ करता था। मनुष्य बनने के लिए अहिंसा आवश्यक है। गांधीजी साजा जीवन उच्च जीवन के प्रतीक थे। राजनीति में धर्म-आध्यात्म की भूमिका के समर्थक थे। गांधीजी इतिहास नहीं वरन् देश का भविष्य हैं।
BMC-Mahatma-Gandhi-01अभ्यर्थियों ने कहा कि स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत की परिकल्पना गांधी के आदर्शों को अपनाकर ही पूरी की जा सकती है। नारी सशक्तिकरण हेतु उन्होंने सरोजिनी नायडू, अमृत कौर, सरला देवी को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा। विश्व शांति के क्षेत्र में उनके विचार समीचीन हैं। वसुधैव कुटुम्बकम को मानते थे। शोषण मुक्त समाज, नरसेवा ही नारायण सेवा, नारी सम्मान, सामाजिक समानता, आदि गांधीजी के आदर्श थे।
आरंभ में प्राचार्य डॉ संध्या मदन मोहन ने निर्णायकों, विभिन्न महाविद्यालयों से आए प्रतिभागियों एवं प्राध्यापकों का स्वागत किया। कल्याण महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष अनुराग पाण्डे, महिला महाविद्यालय प्रबंध समिति के प्रतिनिधि सुरेन्द्र गुप्ता, महिला महाविद्यालय के हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ निशा शुक्ला निर्णायक के रूप में उपस्थित थे।
श्री गुप्ता ने इस प्रतियोगिता से पूर्व अभ्यर्थियों का उत्साह वर्द्धन करते हुए कहा कि हमें दिए गए समय के एक एक सेकण्ड का उपयोग विषय वस्तु को प्रस्तुत करने में करना चाहिए। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सेंट थॉमस महाविद्यालय की तानिया चक्रवर्ती को प्रदान किया गया। वीवायटी तामस्कर कालेज की विधि नामदेव एवं कन्या महाविद्यालय दुर्ग की लिपिका गजभिये को क्रमश: द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का संचालन छात्र संघ प्रभारी डॉ सुनीता जी राव एवं डॉ सरिता जोशी ने किया। इस अवसर पर डॉ एम माधुरी देवी, डॉ निधि मोनिका शर्मा, डॉ प्रतिमा मिश्रा, राधिका, थानेश्वरी, अंजली आदि उपस्थित थे।

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