बेमेतरा। कलेक्टर महादेव कावरे ने साजा जनपद पंचायत के ग्राम मौहाभाठा एवं तेंदूभाठा में बन रहे गौठान कार्य की प्रगति का जायजा लिया। राज्य सरकार के फ्लैगशिप योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत करीब एक-एक एकड़ मैदान पर गौठान एवं तेंदूभाठा में 08 एकड़ क्षेत्र में चारागाह विकसित किया जा रहा है। उन्होंने निर्माण कामों में और तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निरीक्षण के बाद गौठान में बरगद की छांव तले गांव के किसानों, पशुपालकों, पंचायत प्रतिनिधियों और महिला समूहों की चौपाल लगाई और राज्य सरकार की नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना की सार्थकता समझाई। श्री कावरे ने कहा नरवा, गरूवा,घुरवा एवं बाड़ी योजना के सफल क्रियान्वयन से ग्रामीण समृद्धि का नया रास्ता खुलेगा। पूरे गांव में आपसी प्रेम भाईचारा, सामाजिक सद्भाव और सहयोग का वातावरण बनाने में यह योजना मददगार साबित होगी। कलेक्टर ने ग्राम तेंदूभाठा के गौठान में खलिहान बनाकर अवैध कब्जा करने वाले ग्रामीण स्वीकृतराम साहू एवं गयाराम साहू के पैरावट हटाने के निर्देश दिए। इसके अलावा ग्रामीणों ने ग्राम तेंदूभाठा मे चारागाह के लिए आरक्षित लगभग 08 जमीन का सीमांकन करने की मांग की। इससे डेढ़ से दो एकड़ जमीन का रकबा चारागाह के लिए वृद्धि होगी। कलेक्टर ने तहसीदार एवं एसडीएम साजा को इस संबंध में त्वरित कारर्वाई करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री कावरे ने आज लगभग घण्टे भर तक मौहाभाठा एवं तेंदूभाठा में गौठान का बारीकी से अवलोकन किया। गौठान में अब तक मवेशियों के लिए कोटना, चबूतरा, पानी टंकी, ट्रेबिस, बोरखनन, वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण का काम हो चुका है। दोनों स्थानों पर पशुओं के लिए छायादार शेड का निर्माण कराया जा रहा है। गौठान में गांव की लगभग 855 पशुओं के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। गौठान के सुचारू संचालन के लिए गांव में गौठान समिति बनाई गई है। कलेक्टर ने बाड़ी विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठान के लिए पानी आपूर्ति की वैकल्पिक इंतजाम होने चाहिए। बोर में कम पानी होने की दशा में तालाब का पानी काम आएगा। उन्होंने महिलाओं से जैविक खाद निर्माण की प्रक्रिया समझी। कलेक्टर ने रसायनिक खाद के अत्यधिक इस्तेमाल के दुर्गण बताए और जैविक खाद की उपयोगिता बताई। श्री कावरे ने कहा कि गौठान पर गांव वालों की प्रति सप्ताह बैठक होने चाहिए। परिवार का हर सदस्य इसमें शामिल हो। बार-बार गांव के विकास के बारे में चर्चा करने पर सुमति और समृद्धि का द्वार खुलेगा।
बैठक में ग्रामीणजन शामिल होने चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था दान स्वरूप लिया जाए। हार्वेस्टर के अत्यधिक उपयोग के बाद पैरा को खेत पर यूं ही छोड़ दिया जाता है। इसे श्रमदान के जरिए ग्रामीण संग्रहित करके गौठान में उपयोग के लिए रखें। सरपंच तेंदूभाठा आंकेराम साहू, सहित ग्रामीणों ने कलेक्टर के आगमन पर खुशी जताई और उनके सुझावों के अनुरूप ग्रामीण विकास के काम करने का संकल्प लिया। कलेक्टर ने बताया कि गोठान के आस-पास बांस, फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाए जाएगें। यह भी उनके रोजगार का साधन बन सकता है। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कायर्पालन अधिकारी प्रकाश कुमार सर्वे, उप संचालक पंचायत डी.के.कौशिक, पशु चिकित्सक डॉ. एम.एन. झा, डॉ. सत्यम मित्रा, जनपद पंचायत साजा के सीईओ प्रकाश मेश्राम, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अखिलेश दत्त दुबे, उद्यान अधीक्षक मौहाभाठा तेजराम चन्द्रवंशी, जि.पं. मनरेगा के ए.पी.ओ. नवीन साहू, उप अभियंता आर.ई.एस. साजा, प्रमोद रामटेके, मौहाभाठा सरपंच पति रमेश बघेल, पंचायत सचिव मौहाभाठा श्रीमति पुष्पा कौशिक, सामाजिक कार्यकर्ता तेंदूभाठा राजेश शर्मा उपस्थित थे।