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स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय में ग्रंथालय समिति द्वारा परिचर्चा का आयोजन

Aug 23, 2019

भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय द्वारा ग्रंथालय सलाह समिति द्वारा इंटरनेट के युग में पुस्तकालय का महत्व विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। ग्रंथालय सलाहकार समिति के संयोजक स.प्रा. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि गणितज्ञ डॉ. एस.आर. रंगनाथन ने भारत में पुस्तकालय का प्रारंभ किया था। उनके जन्मदिवस को पुस्तकालय दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हीं की स्मृति में परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय द्वारा ग्रंथालय सलाह समिति द्वारा इंटरनेट के युग में पुस्तकालय का महत्व विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। ग्रंथालय सलाहकार समिति के संयोजक स.प्रा. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि गणितज्ञ डॉ. एस.आर. रंगनाथन ने भारत में पुस्तकालय का प्रारंभ किया था। उनके जन्मदिवस को पुस्तकालय दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हीं की स्मृति में परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय द्वारा ग्रंथालय सलाह समिति द्वारा इंटरनेट के युग में पुस्तकालय का महत्व विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। ग्रंथालय सलाहकार समिति के संयोजक स.प्रा. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि गणितज्ञ डॉ. एस.आर. रंगनाथन ने भारत में पुस्तकालय का प्रारंभ किया था। उनके जन्मदिवस को पुस्तकालय दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हीं की स्मृति में परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। पुस्तक हमारे सबसे अच्छी मित्र हैं। पुस्तकों में ज्ञान का भंडार है तो मनोरंजन का साधन भी पर इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव के कारण अब इसका प्रयोग कम होता जा रहा है।
अपने उद्बोधन में प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा इंटरनेट में कितना भी ज्ञान-विज्ञान की सामग्री क्यों न उपलब्ध हो पर पुस्तकालय का महत्व अब भी है और रहेगा। पुस्तकालय का लाभ हर व्यक्ति उठा सकता है।
उन्नति पांडेय बी.कॉम प्रथम वर्ष ने कहा इंटरनेट का बहुत प्रयोग से आंखों में दुश्प्रभाव पड़ता है अब लोग आलसी होते जा रहे है। उन्हें लगता है बैठे बैठे सारी चीजें उपलब्ध हो जाये। पुस्तकालय जाने से फिजिकल एक्टिविटी भी होती है।
अवंतया बी.बी.ए. – प्रथम सेमेस्टर ने कहा पुस्तकालय में जब हम पढ़ते है तो ध्यान केन्द्रित रहता है। पुस्तकालय में दो घंटे में पढ़कर जो ज्ञान प्राप्त होता है वह इन्टरनेट में छ: घंटे पढ़ने से भी नहीं होता जीवन का ज्ञान हमें पुस्तकालय में मिलता है जिसने इंटरनेट का आविष्कार किया वह भी पुस्तकालय में ही अपना अधिक समय व्यतीत करते थे।
पूजा सिंह ने कहा आज इंटरनेट में पुस्तकें सहज उपलब्ध हो जाती है इसलिये लोगों को पुस्तकालय में बैठकर पढ़ने की रुचि कम होते जा रही है।
कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक/प्राध्यापिकायें व छात्र/छात्रायें उपस्थित हुये।

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