संस्कार विहीन हो गया समाज : मुनि रणजीत
भिलाई। आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती जैन मुनि रणजीत कुमार ने कहा है कि समाज संस्कार विहीन हो चुका है जिसकी वजह से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विकृतियां आ रही…
बड़ी भूमिका के लिए तैयार है साइंस कालेज दुर्ग
दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कार स्नातकोत्तर स्वाशासी महाविद्यालय में एफिलिएशन यूनिवर्सिटी बनने का पूरा माद्दा है। इस महाविद्यालय ने समय के साथ चलना सीखा है। लगातार खुद को उन्नत करता…
दिल से करते हैं साजों का व्यापार – बचन सिंह
दुर्ग। पिछले साढ़े तीन दशक से भी अधिक समय से शहर के संगीतज्ञों की जरूरतों को पूरा करते आ रहे सरगम म्यूजिकल स्टोर्स का नाम आज हर जुबान पर है।…
गर्व है अपने माता-पिता पर : जयाकिशोरी
माता-पिता एक सम्बल एक शक्ति है, सृष्टी मे निर्माण की अभिव्यक्ति है। मेरे पिता जी साधारण से दिखने वाले एक अद्भुत व्यक्तित्व के मालिक है। आज जब अपने जीवन में झांकती हूँ…
हुलाहूप से मिलता है कमाल का फिटनेस
भिलाई। हुला हूप एक डांस पैटर्न तो है ही किन्तु इससे भी कहीं ज्यादा यह फिटनेस सिस्टम है। हुला हूप करने वाले के शरीर का लचीलापन जीवन भर बना रहता…
पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है
भिलाई। दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम असंभव नहीं होता। जब आप अपनी कमजोरी को ही अपनी खूबी बना लेते हैं तो दुनिया सलाम…
हर बार चमत्कृत करता है भिलाई – पूजा
भिलाई। सिंगर, एक्टर, परफार्मर पूजा राय कहती हैं कि भिलाई के लोग उन्हें हमेशा चमत्कृत करते हैं। यहां के लोगों में जोश है तो साथ में होश भी है। वे…
अज्ञानी करते हैं गांधी का अपमान
अहिवारा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संचालक बिसराराम यादव का मानना है कि केवल अज्ञानी ही गांधी का अपमान कर सकते हैं। स्वाधीनता आंदोलन में अनेक लोग अपने-अपने तरीके से…
शास्त्रीय कला की एकलव्य : राखी
लघु भारत भिलाई ने सभी विधाओं और प्रतिभाओं को पनपने का मौका दिया। यहां न केवल गंगा-जमुनी संस्कृति धरती पर अवतरित होकर पुष्पित-पल्लवित होती रही अपितु पूरे देश में बिखरे…
ओएमजी ने बदली जिन्दगी, पीके भी देखेंगे
भिलाई। प्रसिद्ध पाश्र्वगायक, गीतकार, संगीतकार सुखविन्दर सिंग ने कहा कि फिल्म – ओह माई गॉड (ओएमजी) देखकर उनके तथा उनके परिवार के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। हालांकि अब…
बेइंतहा दर्द सहकर मिली है यह हंसी
भिलाई। आवाज में बच्चों जैसी चपलता और फूलों सा हंसता खिलखिलाता चेहरा देखकर इस बात का अंदाजा लगाना नामुमकिन है कि इस चेहरे के पीछे दर्द का एक पूरा समन्दर…
स्वार्थियों ने धीमी की युगनिर्माण की गति
भिलाई। शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे पं. सुनील शर्मा ने कहा कि जब भी कभी समूह बनता है तो उसमें कुछ स्वार्थी तत्वों का प्रवेश हो जाता है। उनकी आध्यात्म में…