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अनुच्छेद 370: इस गांव से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उठाई थी आवाज, 66 साल बाद बदला इतिहास

Aug 5, 2019

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने का बिगुल आज से 66 साल पहले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पठानकोट के माधोपुर में फूंका था। 1952 के संसद में अनुच्छेद 370 के खिलाफ प्रभावशाली भाषण के बाद माधोपुर में ही उन्होंने 'एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे' का नारा भी भाजपाइयों को दिया। पंजाब के आखिरी गांव माधोपुर से उन्होंने धारा 370 के खिलाफ जंग शुरू की थी और बिना परमिट के जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया और रहस्यमयी परिस्थितियों में उनकी मौत हुई।नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने का बिगुल आज से 66 साल पहले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पठानकोट के माधोपुर में फूंका था। 1952 के संसद में अनुच्छेद 370 के खिलाफ प्रभावशाली भाषण के बाद माधोपुर में ही उन्होंने ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ का नारा भी भाजपाइयों को दिया। पंजाब के आखिरी गांव माधोपुर से उन्होंने धारा 370 के खिलाफ जंग शुरू की थी और बिना परमिट के जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया और रहस्यमयी परिस्थितियों में उनकी मौत हुई। नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने का बिगुल आज से 66 साल पहले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पठानकोट के माधोपुर में फूंका था। 1952 के संसद में अनुच्छेद 370 के खिलाफ प्रभावशाली भाषण के बाद माधोपुर में ही उन्होंने 'एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे' का नारा भी भाजपाइयों को दिया। पंजाब के आखिरी गांव माधोपुर से उन्होंने धारा 370 के खिलाफ जंग शुरू की थी और बिना परमिट के जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया और रहस्यमयी परिस्थितियों में उनकी मौत हुई।तभी से भाजपा का नारा रहा है कि ‘जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है’। उन्हीं की याद में पंजाब और जम्मू कश्मीर सीमा स्थित माधोपुर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मारक (एकता स्थल) बनाया गया।
सोमवार को जिला भाजपा ने एकता स्थल पर लड्डू बांटे और देश प्रेम के गीतों पर डांस भी किया। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा कहते हैं कि इस बार पूर्ण बहुमत में आते ही ठोस फैसला लेकर मोदी सरकार ने देश भर का विश्वास जीता है।
स्मारक स्थल पर बजाए ढोल
जिला भाजपा की ने डॉ. मुखर्जी के एकता स्थल पर जश्न मनाया। भाजयुमो और भाजपा के लोग ढोल नगाड़ों के साथ पहुंचे और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके बाद ढोल की थाप पर युवाओं ने डांस करके एक-दूसरे को बधाई दी। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ पूरी तरह से जोड़ने के आंदोलन के प्रेरणा स्त्रोत रहे।
इस कार्य के लिए उन्होंने अपना जीवन तक बलिदान कर दिया था। भाजपा जिला अध्यक्ष विपिन महाजन ने कहा कि यह मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले से मोदी सरकार ने डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी और उन हजारों सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश की एकता अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। (अमर उजाला से साभार)

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